Nag Panchami – नाग पंचमी का महत्व

Nag Panchami

Nag Panchami  – नाग पंचमी एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो भारत के अलावा नेपाल और कई अन्य देशों में भी मनाया जाता है। यह पर्व पाताल लोक के स्वामी नाग की पूजा का दिन है। इस त्योहार का आयोजन सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाता है। नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता को दूध अर्पित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस त्योहार का महत्व धार्मिक और सांपों के संरक्षण से जुड़ा है। इस लेख में हम नाग पंचमी के महत्व को विस्तार से जानेंगे और इस त्योहार की पूजा विधि और उपवास के बारे में बताएंगे।

नाग पंचमी के महत्व का परिचय

नाग पंचमी का त्योहार सावन महीने में हर साल शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इसके अनुसार, साल 2023 में नाग पंचमी 21 अगस्त को पड़ रही है। यह त्योहार विभिन्न रूपों में भारत में मनाया जाता है, जिसमें सांपों की पूजा के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है।

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नाग पंचमी की पूजा विधि

नाग पंचमी के दिन उपासक नाग देवता को दूध अर्पित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। कई लोग विभिन्न आकार की सांप की आकृति बनाकर उसकी पूजा करते हैं। यह पंचमी का दिन नाग देवता के स्थायी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना का भी दिन होता है। धार्मिक कारणों के अलावा, इस त्योहार का एक वैज्ञानिक कारण भी है। सांपों को संरक्षित करने के लिए इस दिन को महत्वपूर्ण रूप से मनाया जाता है।

नाग पंचमी पर लें 12 नागों का नाम

  • अनन्त
  • वासुकि
  • शेष
  • पद्म
  • कम्बल
  • कर्कोटक
  • अश्वतर
  • धृतराष्ट्र
  • शङ्खपाल
  • कालिया
  • तक्षक
  • पिङ्गल

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नाग पंचमी पूजा मन्त्र – Nag panchmi ka image

ॐ भुजंगेशाय विद्महे, नागराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।

– ‘सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।

ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।

ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।

ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।’

इस मंत्र का अर्थ होता है कि इस ब्रह्मांड में निवास करने वाले नाग देवताओं को नमन करते हैं, आप हमें आशीर्वाद दें।

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नाग पंचमी की कथा – नाग पंचमी पोस्टर

प्राचीन काल में एक सेठ के सात बेटे थे। उनमें सबसे छोटे बेटे की पत्नी का कोई भाई नहीं था। एक दिन उनकी पत्नियां घर को सँवारने के लिए मिट्टी लेने गई थी। मिट्टी खोदते समय सबसे बड़ी बहु ने एक सांप को देखा, सांप को देखते ही उसने उसे मारने लगी।

तभी सबसे छोटी बहु ने उसे रोकते हुए कहा कि यह बेचारा निरपराध है। सुनकर बड़ी बहु ने सांप को नहीं मारा और सांप एक तरफ जाकर बैठ गया। तभी सांप को छोटी बहु ने कहा कि तुम कहीं जाना मत, मैं लौट कर आती हूं। सांप अपनी जगह पर बैठा रहा, लेकिन छोटी बहु सब कुछ भूल गई और घर चली गई।

अगले दिन, जब उसे इस बात का एहसास हुआ, तो वह दौड़ती हुई सांप के पास गई, और उसे भाई संबोधित करते हुए माफी मांगी। तब नाग ने उसे कहा कि तुमने मुझे भाई कहा है इसीलिए मैं तुम्हें माफ करता हूं। सांप ने कहा कि तुमने मेरी जान बचाई है, तुम जो चाहो मुझसे मांग सकती हो।

तभी छोटी बहु ने कहा कि मेरा कोई भाई नहीं है, तुम मेरे भाई बन जाओ। सांप ने उसकी इच्छा पूरी की, और उसका भाई बन गया और उसे उपहार स्वरूप कुछ दिया। वहां का धन और ऐश्वर्य देखकर छोटी बहु हैरान रह गई, उसका घर हीरे जवाहरात से भरा हुआ था। सांप ने अपनी बहन को बहुत से गहने और हीरे से जड़ा हार दिया।

जब वह अपने घर हार लेकर लौटी तो इसकी खबर पूरे राज्य में फैल गई। छोटी बहु के हार की खबर उस राज्य की रानी तक पहुंच गई, उसने हार को पहनने के लिए राजा से जिद की। राजा ने आज्ञा दी और सेवक छोटी बहु से हीरे-मोतियों से जड़ा हार लेकर आ गए। परन्तु राजा ने हार को छीनने की कोशिश की, जिससे छोटी बहु दुखी हो गई। उसने अपने भाई से पुकारते हुए कहा कि जब भी रानी इस हार को पहनेगी, तो यह हार सांप बन जाएगा, और उसे उतारने पर वापस अपने स्वरूप में आ जाएगा।

नाग ने अपनी बहन की इच्छा पूरी की। अब जब भी रानी इस हार को पहनने की कोशिश करती, वह सांप बन जाता। राजा को जब इस बात की खबर मिली तो उन्होंने तुरंत ही छोटी बहु को बुलाया और उससे पूछा कि तूने क्या जादू किया है। छोटी बहु ने विमर्शपूर्वक कहा कि – क्षमा करें महाराज यह हार ऐसा ही है, जब यह मेरे अलावा किसी और के गले में होता है, तो यह सांप बन जाता है। राजा को उसकी बात पर विश्वास हो गया और उसका हार लौटा दिया।

जब इस बात की खबर छोटी बहु के घर वालों को मिली, तो उन्होंने इस बारे में जानने की इच्छा जाहिर की। तभी छोटी बहु ने अपने नाग भाई के बारे में बताया। परन्तु उसकी बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था। तब उसने फिर से अपने भाई को पुकारा। बहन की पुकार सुनकर नागराज प्रकट हुए और सभी को सच्चाई बताई। तब से नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।

नाग पंचमी से जुड़ी वैसे तो कई कथाएँ प्रचलित हैं, लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में यह कथा सुनाई जाती है। अधिकांश जगहों पर इसी कथा को सुनकर पूजा का समापन किया जाता है।

वैज्ञानिक दृष्टि से नाग पंचमी (Nag Panchami)

ऐसा नहीं है कि नाग पंचमी का त्योहार सिर्फ धार्मिक कारणों से मनाया जाता है। इसका एक वैज्ञानिक कारण भी हो सकता है। जैसे कि पूरे विश्व में कई सारी प्रजातियाँ हैं, जो आजकल विलुप्त होती जा रही हैं। ऐसे में हमें उन्हें संरक्षण देने की जरूरत है। उन्हें बचाने के लिए हमें जागरूक होने की जरूरत है। कई बार लोग सांपों को इसी से डरकर मार देते हैं कि कहीं वह डस न लें। जबकि, कहा जाता है कि जब तक आप सांप से छेड़ते नहीं हैं, वह नहीं डसता है। सांपों से किसानों को भी फायदा है। खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचानें वाले चूहे आदि जीवों का नाग नष्‍ट कर देता है, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहती है। नागपंचमी के साथ नाग की पूजा करने से लोगों के बीच जागरूकता आएगी और उन्हें बचाने का प्रयास करने को लेकर जागरूकता फैलेगी।

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