Khatu Shyam ji ki aarti : खाटू श्याम मंदिर का निर्माण रूपसिंह चौहान और धर्मपत्नी नर्मदा कंवर ने वर्ष 1027 ईस्वी में करवाया था ।
बाद में 1720 ईस्वी में दोबारा से मंदिर का निर्माण करवाया गया था । मंदिर के गर्भगृह तथा मूर्ति की स्थापना दीवान अभय सिंह के द्वारा की गई थी । खाटू श्याम मंदिर के इतिहास की बात करें तो इसकी जानकारी आपको महाभारत काल में प्राप्त होती हैं ।
श्री खाटू श्याम जी की कथा- who is khatu shyam Ji
यदि आपने महाभारत देखी व पढ़ी होगी तो आपने बर्बरीक का नाम तो अवश्य सुना होगा ।
बर्बरीक पांडु पुत्र भीम तथा नागकन्या मौरवी के पुत्र थे । बर्बरीक को बचपन से ही बलशाली होने के सभी गुण प्राप्त थे । बचपन में ही इन्होंने युद्ध करने की कला श्री कृष्ण तथा अपने माता के माध्यम से सीख ली थी । युवा अवस्था में इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे तीन बाण प्राप्त कर लिए थे । शिव के यह तीनों बाण बर्बरीक को तीनों लोक में विजय बनाने के लिए काफी थे ।
महाभारत काल में युद्ध के दौरान बर्बरीक युद्ध को देखने के इरादे से युद्ध के मैदान में आ रहा था और यह बात श्री कृष्ण अवश्य जानते थे कि यदि बर्बरीक युद्ध में शामिल होगा तो परिणाम पांडवों के हित में नहीं होगा । बर्बरीक को युद्ध से रोकने के लिए श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का वेश रखकर बर्बरीक के सामने आए और पूछा कि तुम कौन हो? और रण क्षेत्र में क्या करने जा रहे हो?
श्री कृष्ण को उत्तर देते हुए बर्बरीक ने कहा कि वह एक दानी है तथा और उसके बाण ही महाभारत युद्ध का निर्णय कर देगा । ऐसे में श्री कृष्ण ने बर्बरीक की परीक्षा लेनी चाही तो बर्बरीक ने एक बाण चलाया, जिसमें पीपल के पेड़ के सारे पत्ते में छेद हो गया । भगवान श्री कृष्ण बरबरी के युद्ध क्षमता से परिचित थे और उसको किसी भी प्रकार से युद्ध में शामिल होने से रोकना चाहते थे, इसलिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक से कहा कि तुम यदि बड़े पराक्रमी हो तो मुझ गरीब को कुछ दान नहीं दोगे ।
ऐसे में ब र्बरीक ने जब श्री कृष्ण से दान मांगने को कहा तो श्री कृष्ण ने बर्बरीक का शीश दान में मांग लिया । बर्बरीक तुरंत ही समझ गए कि यह दान मांगने वाला अन्य कोई नहीं है बल्कि भगवान श्री कृष्ण और उन्होंने श्री कृष्ण ने वास्तविक परिचय देने के लिए कहा, जब श्री कृष्ण ने अपना वास्तविक परिचय दिया तो बर्बरीक ने खुशी- खुशी अपना शीश कृष्ण को दान कर दिया ।
बर्बरीक ने फागुन शुल्क दशमी को स्नान पूजा करके अपने हाथों से अपने शरीर को श्रीकृष्ण को दान दे दिया था । लेकिन शीश दान से पहले बर्बरीक ने सिर्फ युद्ध देखने की इच्छा जताई थी ।
इसलिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को ऊंची चोटी पर युद्ध देखने के लिए रख दिया था । महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद पांडव विजय का श्रेय लेने के लिए आपस में वाद विवाद कर रहे थे ।
तब श्री कृष्ण ने कहा की ऐसे में युद्ध का निर्णय बर्बरीक ही बताएगा तो बर्बरीक के शीश ने बताया कि युद्ध में श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलाता है, जिससे कटे हुए वृत्तचित्र उद्धारण भूमि में ढेर हो रहे थे और वही द्रोपदी महाकाली का रूप में रक्त का पान कर रही थी ।
भगवान श्री कृष्ण ने इस बात से प्रसन्न होकर बर्बरीक के कटे हुए सिर को वरदान दिया और कहा कि कलयुग में तुम मेरे श्याम नाम से पूजा जाओगे, तुम्हारे स्मरण मात्र से ही मेरे सभी भक्तों का कल्याण हो जाएगा और धर्म अर्थ तथा मोक्ष की प्राप्ति होगी ।”
श्री खाटू श्याम जी की आरती – Khatu Shyam ji ki aarti
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ
रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर दुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥ ॐ
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले॥ ॐ
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥ ॐ
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥ ॐ
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरे॥ ॐ
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त – जन, मनवांछित फल पावे॥ ॐ
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥ ॐ
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FAQ – खाटू श्याम
खाटू श्याम मंदिर कहाँ है where is khatu shyam mandir ?
Ans. श्री खाटू श्याम जी भारत देश के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में का एक प्रसिद्ध गांव है, जहाँ पर बाबा श्याम का विश्व विख्यात मंदिर है।
जयपुर से खाटू श्याम की दूरी – jaipur to khatu shyam distance?
Ans. जयपुर से खाटू श्याम के बीच की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है|
दिल्ली से खाटू श्याम कैसे पहुंचे? – how to reach khatu shyam from delhi?
Ans. नई दिल्ली से खाटू के लिए पहली ट्रेन 22421 DEE JU SF EXP है। यह ट्रेन नई दिल्ली से छोटी खाटू पहुंचने में 7घंटे ३० मिनट का समय लेती है। ट्रेन नई दिल्ली NDLS से 07:05:00 बजे चलती है और 14:38:00 बजे छोटी खाटू CTKT पहुँचा देती है। यह ट्रेन सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वीरवार, शुक्रवार, शनिवार, इतवार को चलती है।
आप बस में भी खाटू श्याम जा सकते है| अपनी गाड़ी से भी जा सकते है
दिल्ली से खाटू श्याम की दूरी – delhi to khatu shyam distance?
Ans. दिल्ली से खाटू श्याम जी मंदिर की दूरी करीब 479 किलोमीटर होगी
नई दिल्ली से खाटू श्याम कितने घंटे का रास्ता है?
Ans. दिल्ली से खाटू श्याम जी मंदिर की दूरी करीब 479 किलोमीटर होगी. अगर आप NH 48 पकड़ेंगे तो 7 घंटे और अगर NE 4 हाईवे पकड़ेंगे तो 20 मिनट और लगेंगे
खाटू श्याम जी मंदिर कहाँ है? – where is khatu shyam ji mandir
Ans. राजस्थान राज्य के सीकर जिले में|
खाटू श्याम राजस्थान – khatu shyam rajasthan
Ans. राजस्थान राज्य के सीकर जिले में|
कब खुलेगा खाटू श्याम मंदिर – when khatu shyam mandir will open
Ans. खाटू श्याम जी का मंदिर सर्दियों के मौसम में सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक उसके बाद शाम 5:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक और गर्मियों के मौसम में सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक उसके बाद शाम 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुलता है|
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